Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने PM मोदी के बिहार दौरे पर साधा निशाना, एक या दो नहीं; पूछे 15 सवाल
बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे को लेकर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री से कुल 15 सवाल पूछे हैं, जो न केवल बिहार के विकास से जुड़े हैं, बल्कि राज्य में केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादों और उनके कार्यान्वयन पर भी गंभीर सवाल उठाते हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी बिहार के विकास में रुचि नहीं रखते, बल्कि उनका उद्देश्य केवल चुनावी लाभ अर्जित करना है।
सवालों का केंद्र – बिहार के विकास का मुद्दा
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी से यह सवाल पूछा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज क्यों नहीं दिया जा रहा है, जबकि राज्य इसके लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। उनके अनुसार, पीएम मोदी ने बिहार के लिए विशेष पैकेज और राज्य को विशेष दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन वह आज तक पूरा नहीं हुआ। तेजस्वी का कहना था कि बिहार के लोग अभी भी इन वादों का इंतजार कर रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है।
तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि बिहार के युवाओं को रोजगार के अवसर क्यों नहीं मिल रहे। उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार बिहार के युवा बेरोजगारों के लिए क्या ठोस कदम उठाने जा रही है। बिहार में बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, और राज्य के युवा इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। तेजस्वी का मानना है कि यदि केंद्र सरकार वास्तव में बिहार के विकास के प्रति ईमानदार होती, तो वह इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाती।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अब प्रोटोकॉल भूल गए हैं और राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चुप्पी साधे हुए हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि जब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू बिहार दौरे पर आए थे, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें हवाई अड्डे पर रिसीव करने के लिए नहीं पहुंचे, जो कि राज्य की स्थिति को स्पष्ट रूप से दिखाता है। यह सवाल बिहार के मौजूदा नेतृत्व की गंभीरता और उसकी कार्यप्रणाली पर उठता है।
प्रधानमंत्री की बिहार यात्रा
तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी से यह भी पूछा कि उनकी बिहार यात्रा के दौरान कोई ठोस घोषणा क्यों नहीं की जा रही है, खासकर उन वादों के बारे में जो पहले किए गए थे। प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा हमेशा से चुनावी प्रचार का हिस्सा रहा है, और विपक्ष का कहना है कि मोदी बिहार आते हैं, लेकिन राज्य के असल मुद्दों पर चर्चा नहीं करते।
तेजस्वी का कहना था कि मोदी के पिछले दौरे में भी राज्य को कुछ ठोस योजनाओं या पैकेज का वादा नहीं किया गया था, और उनका ध्यान सिर्फ भाजपा के चुनावी लाभ पर केंद्रित है। यह सवाल बिहार के लोग खुद से पूछ रहे हैं कि पीएम मोदी और भाजपा को बिहार की जनता की असल समस्याओं से कोई मतलब है या नहीं।
निष्कर्ष
तेजस्वी यादव के द्वारा उठाए गए ये 15 सवाल न केवल बिहार की जनता के समक्ष एक बड़ा मुद्दा बन गए हैं, बल्कि उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों और कार्यों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। बिहार के विकास की गति में रुकावट और राज्य में बढ़ती समस्याएं इस बात का संकेत देती हैं कि सत्ता में बैठे नेता अपनी प्राथमिकताएं बदल रहे हैं, और इस पर जवाबदेही तय करने की जरूरत है।