हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लगातार बारिश के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे सड़कों, पुलों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है।
सड़क और राजमार्ग अवरोध:
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन और बाढ़ के कारण हिमाचल प्रदेश में कई सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए हैं। शिमला जिले में सबसे अधिक 104 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि मंडी में 71, सिरमौर में 58, चंबा में 55, सोलन और लाहौल-स्पीति में 7-7, किन्नौर में 5, कांगड़ा में 4, और बिलासपुर में 1 सड़क बंद है। इसके अलावा, मंडी जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-21 और एनएच-70), कुल्लू में एनएच-305 और किन्नौर में एनएच-05 अवरुद्ध हैं。
बिजली और जल आपूर्ति बाधित:
भारी बारिश के चलते 488 बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं, जिससे राज्य के कई क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित है। ऊना जिले में 173, मंडी में 101, सिरमौर में 100, शिमला में 46, कुल्लू में 34, बिलासपुर में 24, हमीरपुर में 6, चंबा में 3 और किन्नौर में 1 ट्रांसफार्मर बंद हैं。 इसके अलावा, शिमला में 42, ऊना में 41, सिरमौर में 10, चंबा में 9, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में 7-7 पेयजल परियोजनाएं ठप हैं。
मौसम विभाग की चेतावनी:
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान चंबा, किन्नौर, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है। लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की गई है। विभाग ने आगामी 18 अगस्त तक राज्य के मैदानी और मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है。
जनहानि और संपत्ति नुकसान:
पिछले 24 घंटों में बाढ़ से तीन लोगों की बहने से मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति लापता है। बचाव दलों ने बाढ़ में फंसे 11 लोगों को सुरक्षित निकाला है। इसके अलावा, पांच घर और पांच दुकानें ध्वस्त हो गई हैं। मंडी शहर में ब्यास नदी ने 28 साल बाद रौद्र रूप दिखाया है, जिससे पंडोह का बाजार जलमग्न हो गया और 100 साल पुराना झूला पुल बह गया है。
सरकारी प्रयास:
केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से उत्पन्न परिस्थितियों पर बारीकी से नजर रखे हुए है। केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया है और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है。
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें, आवश्यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें, और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।