दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में एक दर्दनाक हादसा हुआ है, जहां एक इमारत ढहने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 14 लोगों को बचाया गया है। इस हादसे के बाद करीब 250 लोगों की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है, जिसमें दमकल विभाग, एनडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियां शामिल हैं।
हादसे से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें:
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इमारत किस कारण से गिरी, इसका अभी स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। जांच जारी है।
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मलबे में अभी और लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
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घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
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स्थानीय लोगों की मदद से राहत कार्य में तेजी लाई जा रही है।
दिल्ली के मुस्तफाबाद में इमारत ढहने से मचा हड़कंप, चार की मौत, 14 को बचाया गया
नई दिल्ली, 19 अप्रैल 2025 — राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके मुस्तफाबाद में शनिवार को एक बहुमंजिला इमारत के अचानक ढह जाने से अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 14 लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया है। मौके पर राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, जिसमें एनडीआरएफ, दमकल विभाग, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की लगभग 250 सदस्यीय टीम लगी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर करीब 2 बजे तेज आवाज के साथ इमारत भरभराकर गिर पड़ी। आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े और प्रशासन को सूचना दी गई। कुछ ही देर में बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गया और मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया।
दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मलबे के नीचे अभी भी कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है, इसलिए राहत कार्य पूरी सतर्कता और तेजी के साथ चलाया जा रहा है। “हमारी प्राथमिकता अधिक से अधिक लोगों की जान बचाना है। मलबे को सावधानीपूर्वक हटाया जा रहा है ताकि किसी और को नुकसान न पहुंचे,” उन्होंने कहा।
घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी स्थिति का जायज़ा लिया और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देने की घोषणा की है और घायलों को पास के जीटीबी और लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इमारत किस वजह से गिरी। कुछ स्थानीय निवासियों का कहना है कि इमारत पुरानी थी और उसमें कई बार मरम्मत की जरूरत बताई गई थी, लेकिन उचित ध्यान नहीं दिया गया। वहीं, कुछ लोग निर्माण में लापरवाही और अवैध निर्माण को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और बिल्डिंग मालिक की तलाश की जा रही है।
एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर खोजी कुत्तों और विशेष उपकरणों की मदद से मलबे के नीचे दबे लोगों को तलाशा जा रहा है। “हर सेकेंड कीमती है, और हमारी टीम पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है,” एक अधिकारी ने कहा।
यह घटना एक बार फिर दिल्ली में अवैध और जर्जर इमारतों की स्थिति पर सवाल खड़े करती है। स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि इलाके में सभी इमारतों की संरचनात्मक जांच कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसी कोई त्रासदी न हो।
घटना की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि यह हादसा तकनीकी खामी, लापरवाही या किसी अन्य कारण से हुआ। फिलहाल, पूरे क्षेत्र में शोक और दहशत का माहौल है।