5000 में बिक गई शिक्षा! चपरासी से कॉपियां चेक करवा रही थीं प्रोफेसर मैडम – वीडियो देख देश हुआ हैरान
शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाला एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक सरकारी कॉलेज की प्रोफेसर ने 5000 रुपये में चपरासी को छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने की जिम्मेदारी सौंप दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पूरे देश में नाराजगी की लहर दौड़ गई।
यह मामला उत्तर भारत के एक राज्य के सरकारी कॉलेज से जुड़ा है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कॉलेज का चपरासी छात्रों की आंसर शीट्स को खोलकर जांच कर रहा है, उत्तर देख रहा है और खुद ही नंबर भी दे रहा है। जब इस हरकत पर सवाल उठे तो बताया गया कि यह काम 5000 रुपये में प्रोफेसर मैडम ने उसे सौंपा था।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह चपरासी न तो किसी विषय का विशेषज्ञ है, न ही उसके पास किसी भी प्रकार की शैक्षणिक योग्यता है जिससे वह छात्रों के मूल्यांकन करने में सक्षम हो। इसके बावजूद, छात्रों की मेहनत और भविष्य को मजाक बना कर, एक गैर-जिम्मेदार रवैये से यह काम करवाया गया।
घटना के वायरल होते ही शिक्षा विभाग हरकत में आया और प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं कॉलेज प्रशासन की तरफ से भी एक आंतरिक समिति गठित की गई है जो इस मामले की तह तक जाएगी।
इस बीच, संबंधित प्रोफेसर की ओर से सफाई भी दी गई है। उनका कहना है कि वे बीमार थीं और उन्होंने घर पर कॉपियाँ जांचने के लिए मंगवाई थीं। चपरासी ने केवल "मदद" की थी, जांच नहीं। लेकिन वायरल वीडियो इस दावे को झूठा साबित करता नजर आता है।
सोशल मीडिया पर लोग जमकर नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। कई यूज़र्स ने इसे "शिक्षा का व्यापार" और "छात्रों के भविष्य से खिलवाड़" बताया है।
यह घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह सोचने पर मजबूर करती है कि यदि ऐसे लोग छात्रों का मूल्यांकन करेंगे, तो देश का भविष्य किस दिशा में जाएगा।